28 सितंबर 2022 को “विश्व रेबिज दिवस”

दिनेश दुबे 9425523689
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28 सितंबर 2022 “विश्व रेबिज दिवस”
बेमेतरा= मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ खेमराज सोनवानी ने विश्व रेबिज दिवस 28 सितम्बर के अवसर पर प्रमुख रूप से जानकारी देते हुए  कहा की
इस वर्ष रेबिज दिवस का थीम   “Rabies one health zero Death” है
रेबीज एक विषाणु जनित बीमारी है, जो मस्तिष्क को प्रभावित करता है। मनुष्यों में यह रेबिज पीड़ित जानवर मुख्यता कुत्ते,बिल्ली नेवले, बंदर ,भालू के काटने या खरोच से फैलता है।
*रेबिज संक्रमित व्यक्ति में लक्षण:*-
1. घाव के स्थान पर दर्द या खुजली होना, तेज बुखार, 2 दो-चार दिन के लिए स्थाई सिर दर्द होना, 3 पानी से भय होना (हाइड्रोफोबिया), 4 तेज प्रकाश अथवा शोर/ध्वनि बर्दास्त करने में असमर्थ होना, 5 मतिभ्रम होना, 6 व्यवहार में परिवर्तन होना, 7 बेहोशी आना हो सकते हैं।
   प्रतिवर्ष 28 सितंबर को रेबिज रोकथाम हेतु सभी को जागरूक करने के उद्देश्य से “विश्व रेबिज दिवस” मनाया जाता है साथ ही इस दिन महान वैज्ञानिक लुई पाश्चर की पुण्यतिथि होती है जिन्होंने रेबिज के प्रथम टीके का आविष्कार किया था। इस वर्ष रेबिज दिवस का थीम “Rabies: One Health Zero Death”  है। रेबिज बीमारी को समय रहते टीकाकरण से रोका जा सकता है पर एक बार रेबिज बीमारी होने पर मृत्यु निश्चित है।
*  बचाव हेतु क्या करें:-
1. घाव को बहते पानी के नीचे साबुन से 10 से 15 मिनट तक धोए, 2. कीटाणु नाशक या एंटीसेप्टिक जैसे टिंचर आयोडीन, पोविडिन, आयोडीन/डेटॉल लगाएं, 3. कुत्ता, बिल्ली, व अन्य पालतू जानवरों को पशु चिकित्सालय में रेबिज का टीकाकरण कराएं, 4. चिकित्सक के निर्देशानुसार एंटी रेबीज टीकाकरण नियमित रूप से कराएं,
* बचाव हेतु क्या ना करें *
1 कुत्ता/जानवर काटने पर घाव को ना ढकें, 2 खुले हाथों से घाव को ना छुएं, 3 मिट्टी, मिर्ची, तेल, चाक, हल्दी, जड़ी-बूटी इत्यादि ना लगाएं, 4 घाव को ना जलाएं, 5 अंधविश्वास या पौराणिक कहावतों  पर भरोसा ना करें।

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